महाराष्ट्र: आखिरी चरण में कांग्रेस झोंकेगी ताकत, 5 दिनों में दिग्गजों के 75 कार्यक्रमों की तैयारी

महाराष्ट्र के चुनाव के आखिरी चरण में कांग्रेस जमकर दम-खम लगा रही है. 5 दिनों में दिग्गजों के 75 कार्यक्रमों की तैयारी की गई है. राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी समेत नेताओं की 75 रैलियां-रोड शो करने की योजना है. साथ ही घर-घर गारंटी कार्ड पहुंचाने का संकल्प लिया गया है.

सियासी भविष्य का सवाल बने महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस आखिरी 5 दिनों में अपने अहम चेहरों को झोंकने की तैयारी में है, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़ग और प्रियंका गांधी समेत इन नेताओं की 75 रैलियां-रोड शो करने की योजना है. इनमें से करीब 20 कार्यक्रम इन्हीं तीन बड़े नेताओं के बनाए गए हैं.

राहुल गांधी की मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में 6 सभाएं होंगी, तो प्रियंका की 13 नवंबर को वायनाड में मतदान के बाद राज्य में 4 सभाएं तय हैं. साथ ही पार्टी अध्यक्ष खड़गे करीब 10 रैलियों को संबोधित करेंगे. विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र पर कांग्रेस ने अपना ज्यादा फोकस रखा है.

कई दिग्गज करेंगे रैली

कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं के अलावा महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा डिमांड सचिन पायलट और इमरान प्रतापगढ़ी की है. मुस्लिम बहुल इलाकों समेत प्रतापगढ़ी की राज्य में 20 से ज्यादा सभाएं तय हैं, तो युवा नेता सचिन पायलट की कुल 8 सभाएं. हालांकि, कुछ विशेष इलाकों में तेलंगाना सीएम रेवन्त रेड्डी और कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया भी प्रचार में कूदेंगे.

कांग्रेस चुनाव में झोंक रही ताकत

वहीं राज्य के अहम नेताओं की बात करें तो प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की 20 और विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट की 15 रैलियां फिलहाल तय की गईं हैं. 17 नवंबर को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और एनसीपी शरद पवार के शीर्ष नेताओं की एक बड़ी संयुक्त सभा के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा मुंबई में आखिरी वक्त में राहुल या प्रियंका का एक बड़ा रोड शो भी प्रस्तावित है, जिसके रोड मैप को फाइनल किया जा रहा है.

रैलियों और रोड शो के साथ ही कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी की 5 गारंटियों वाला कार्ड भी 5 करोड़ लोगों तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए डोर टू डोर अभियान चलाकर आम जनता के बीच विशेषकर 3 लाख की किसान कर्ज माफी और महिलाओं को तीन हजार प्रति माह के वादे को पहुंचाने का लक्ष्य है, जिससे बीजेपी के बंटेंगे तो कटेंगे जैसे मुद्दे से जनता को उनकी जरूरत के मुद्दे से जोड़ा जा सके.

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