छत्तीसगढ़ में बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षबल ने अभियान चलाया हुआ है। गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर नक्सलियों और सुरक्षाबल के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें सुरक्षाबलों द्वारा की गई लगातार फायरिंग के बाद नक्सली भाग गए। इलाके में उनका सामान बरामद हुआ है।
HighLights
- मुठभेड़ के बाद जान बचाकर जंगल में भाग निकले नक्सली।
- सर्चिग में इलाके बड़ी मात्रा में मिला नक्सलियों का सामान।
- बीजापुर में हाल ही में नक्सलियों ने की 2 सरपंचों की हत्या।
बीजापुर, सुकमा(Chhattisgarh Naxal Encounter)। छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर नक्सलियों और सुरक्षाबल में देर रात मुठभेड़ हो गई। सुरक्षाबल ने नक्सलियों पर जमकर फायरिंग की, इसके बाद वो जंगल की ओर भाग गए। इसके बाद इलाके में सर्चिंग की, जिसमें बड़ी मात्रा में उनका सामान बरामद हुआ है।
फायरिंग में नक्सलियों को बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षाबलों को फायरिंग में भारी पड़ता देख नक्सली जान बचाकर भाग निकले। जानकारी के मुताबिक नक्सली यहां ठहरे हुए थे।
इधर… 24 घंटों में दो पूर्व सरपंचों की नक्सलियों ने की हत्या
प्रदेश में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज होते ही नक्सलियों ने एक बार फिर से बस्तर में भाजपा नेताओं व पूर्व जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाना प्रारंभ कर दिया है। 24 घंटे के भीतर दो पूर्व सरपंचों की हत्या की गई है। बीजापुर के बिरियाभूमि में बुधवार रात भाजपा नेता व पूर्व सरपंच सुकलु फरसा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। उसका शव सड़क पर मिला है।
समीप ही नक्सलियों की भैरमगढ़ एरिया कमेटी ने पर्चा छोड़कर हत्या की जिम्मेदारी ली है। पर्चे में लिखा गया है कि पूर्व सरपंच को चेतावनी देने के बाद भी वह भाजपा का काम करता रहा, जिस कारण हत्या की गई है।
बुधवार को सुकलु की बेटी दिव्यानी ने वीडियो संदेश जारी कर पिता को छोड़ने की मार्मिक अपील भी की थी। इधर, मुखबिरी के शक में ही बीजापुर जिले के कडेर पूर्व सरपंच सुखराम अवलम की भी नक्सलियों ने बुधवार को हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि सुखराम ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था।
नक्सलियों को दिया मुंहतोड़ जवाब
बस्तर में वर्ष 2023 में विधानसभा व लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा नेता लगातार नक्सली निशाने पर रहे। भाजपा से जुड़े दस से अधिक नेताओं की नक्सलियों ने बेदर्दी से हत्या की थी। इधर सत्ता परिवर्तन के बाद डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार आक्रामक अभियान चलाया गया है।
इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक बस्तर में 207 नक्सलियों को मार गिराकर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है। वहीं नक्सलियों ने इस साल अब तक बस्तर में 55 लोगों की हत्याएं की हैं।