तेलंगाना: ED की धौंस, फर्जी ऑफिसर… साइबर ठगों की हर चाल बेकार; डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचा युवक?

तेलंगाना के संगारेड्डी में एक महिला ने अपनी समझदारी से अपने पति को डिजिटल अरेस्ट होने से बचा लिया. महिला ने अपनी सूझबूझ से साइबर ठगों का पर्दाफाश किया और किसी भी बड़े नुकसान से पहले पुलिस को जानकारी दे दी. महिला के पति को साइबर ठग पुलिस और ईडी के नाम पर डरा रहे थे.

देश में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जहां लोग अपनी मेहनत की कमाई गवां देते हैं. अपने लाखों रुपये वह पल भर में खो बैठते हैं. साइबर ठग भोले-भाले लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं लेकिन तेलंगाना की एक महिला ने अपनी सूझ-बूझ से साइबर ठगों का पर्दाफाश किया और अपने आप को जालसाजों से बचा लिए.

साइबर ठगों ने किया फोन

दरअसल ये मामला तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के जहीराबाद शहर से सामने आया है, जहां एक महिला ने समझदारी से पुलिस को साइबर ठगों के बारे में जानकारी दी और उनकी साजिश को नाकाम करने में सफल रही. जहीराबाद शहर में एक प्राइवेट कर्मचारी को साइबर ठगों ने फोन किया. सामने से फोन पर कहा जाता है कि आकाश शर्मा नाम से कोई सरकारी बैंक अधिकारी बात कर रहा है.

लाखों की गड़बड़ी की बात कही

फोन करने वाला कहता है, “मुंबई में आपके बैंक खाते से 1.68 लाख रुपये के नकद भुगतान में गड़बड़ी पाई गई है. ईडी, पुलिस आपसे पूछताछ करेगी. सहयोग करें” कर्मचारी को ईडी और पुलिस का डर दिखाकर कॉल काट दिया जाता है. इसके तुरंत बाद ही फिर से वीडियो कॉल के जरिए एक और शख्स सामने आता है. इस बार वह अपने आप को मुंबई एसपी प्रदीप बताता है.

पुलिस को दे दी जानकारी

प्रदीप वीडियो कॉल पर कर्मचारी से शांत बैठने और अपनी पत्नी को बुलाकर घर का दरवाजा बंद करने के लिए कहता है. इसके साथ ही कहीं न जाने की भी बात कही गई. कर्मचारी और उनकी पत्नी को एसपी प्रदीप बना साइबर ठग आधे घंटे तक सवालों में उलझाकर रखता है. कर्मचारी लगभग साइबर ठगों की जालसाजी का शिकार हो चुका था, लेकिन उनकी पत्नी ने समझदारी दिखाई और पानी पीने के बहाने से कमरे से बाहर आई. महिला ने पुलिस को फोन कर मामले की जानकारी दी.

पुलिस को देख काट दी कॉल

पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और 10 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गई, जैसे ही पुलिस घर पर पहुंची ठग तुरंत अपना चेहरा छिपाकर बात करने लगा. पुलिस ने पीड़ित कर्मचारी को साइबर जालसाजों के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश के लिए कहा, लेकिन ठगों को शक हुआ और उन्होंने कॉल काट दी. इस तरह महिला की सूझबूझ से वह डिजिटल अरेस्ट होने और किसी बड़े नुकसान से बच गए.

पुलिस डिजिटल अरेस्ट नहीं करती

इसके बाद पुलिस ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट और जांच के नाम पर आने वाले फर्जी फोन और वीडियो कॉल की जांच की जा रही है. लोगों को अलर्ट रहना चाहिए कि कोई भी पुलिस या ईडी ऑफिसर डिजिटल गिरफ्तारी नहीं करते. डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर अपराधी ईडी और पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर लोगों को डराते हैं. पुलिस भी इसे लेकर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है.

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