Chhattisgarh: बुक कवर नहीं देने पर सीनियर ने बच्चे को मारे 180 डंडे, कांकेर में हॉस्टल के 15 छात्रों की निर्मम पिटाई

कांकेर के छात्रावास में एक घटना में सीनियर छात्र ने जूनियर छात्रों की पिटाई की, छात्रों को चार से लेकर 180 डंडे मारे गए। घटना के बाद बच्चों ने अपने पालकों को इसकी जानकारी दी। अधीक्षक ने मारपीट की जानकारी को छिपाया। पालकों ने अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

HIGHLIGHTS

  • छात्रावास में सीनियर ने जूनियर छात्रों को डंडे से पीटा
  • कांकेर के प्री-मैट्रिक छात्रावास दुर्गूकोंदल का मामला
  • छात्रों ने परिजनों को बताया तब सामने आया मामला

कांकेर: प्री-मैट्रिक छात्रावास दुर्गूकोंदल में जिल्द (पुस्तक का कवर) नहीं देने की बात पर सीनियर ने जूनियर छात्रों की पिटाई कर दी। पिटाई भी इतनी कि एक-एक बच्चे को चार से लेकर 180 डंडे मारे गए। घटना की जानकारी तब हुई जब मार के डर से दो बच्चे घर चले गए और अपने पालक को जनकारी दी। मामले में छात्रावास अधीक्षक किसी तरह की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।

घर भागकर गए बच्चों ने बताया

घटना शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात्रि की है, सीनियर छात्र ने जिल्द नहीं देने, कपड़ा सफाई कराने, मच्छरदानी पहले लगाने की बात पर जूनियर छात्रों से मारपीट की। जिससे छात्रावास के जूनियर बच्चे दहशत में हैं। घटना के दौरान अधीक्षक और चौकीदार भी छात्रावास में ही मौजूद थे।

दोबारा मार न पड़े इस डर से बच्चों ने अधीक्षक और चपरासी को जानकारी नहीं दी। पिटाई की घटना का खुलासा तब हुआ, जब हॉस्टल के दो छात्र डर से घर भाग गये और अपने पालकों को इसकी की जानकारी दी।

अधीक्षक बोला- बच्चों ने नहीं दी जानकारी

छात्रावास अधीक्षक सतीश जुर्री ने बताया कि मुझे पिटाई की जानकारी बच्चों ने नहीं दी है। आज दो बच्चों के पालक छात्रावास पहुंचे तब घटना की जानकारी हुई। शनिवार को पिटाई करने की बात बच्चों ने बताई। मैं बच्चों की पिटाई की घटना से व्यथित हूं। एक बच्चा तत्काल शिकायत करता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती।

बुक कवर नहीं देने पर सीनियर ने की डंडों की बरसात

कक्षा 8वीं के छात्र ने बताया कि, मैंने कवर खरीदा था, जिसे सीनियर छात्र मांग रहा था। देने के लिए मना किया तो मुझे 180 डंडे सीनियर छात्र ने मारे। वहीं कक्षा 8वीं के एक अन्य छात्र ने बताया कि मैं और मेरे साथी दोनों ने पैसे मिलाकर जिल्द खरीदा था। सीनियर छात्र मांग रहा था, नहीं दिया, तो मुझे भी 180 डंडे मारे।

किसी को 50 तो किसी को 180 डंडे मारे

ऐसे एक अन्य 2 छात्रों को चार-चार डंडे, एक छात्र को 10 डंडे, एक को 40 डंडे,, एक अन्य बच्चे को 15 डंडे, तो किसी को को 50 डंडे, अन्य को 80 डंडे मारे गए। और इसी तरह कई छात्रों को 2-4 डंडे मारे गए। मारपीट की घटना से बच्चे काफी भयभीत हैं।

अधीक्षक की लापरवाही से यह घटना हुई : पालक

घटना की जानकारी होते ही प्रभारी मंडल संयोजक बैजनाथ नरेटी ने छात्रावास पहुंचकर बच्चों से बयान दर्ज किया। बैजनाथ नरेटी ने कहा मारपीट की घटना अच्छी नहीं है।

पालक गुलाब बघेल ने कहा हमारे बच्चे भाग नहीं आते तो मारपीट की घटना सामने नहीं आती। मेरे बच्चे को सीनियर छात्र ने 50 डंडे मारे। हम अधीक्षक के भरोसे बच्चे को छात्रावास में रखे हैं। अधीक्षक के छात्रावास में रहते 15 बच्चों से मारपीट हुई है। ये बड़ी लापरवाही है। मेरे बच्चे घर आकर नहीं बताते तो दोबारा मारपीट हो सकती थी। मारपीट की घटना की जांच होनी चाहिए।

पालक मिलाप बघेल ने कहा कि अधीक्षक की लापरवाही से यह घटना हुई है। मारपीट की घटना को अधीक्षक ने चार दिन तक छुपाकर रखा। मेरा भतीजा भागकर घर नहीं आता तो दोबारा मारपीट होती। अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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