छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक अभियान छेड़ते हुए पिछले सात महीनों में 146 नक्सलियों को मार गिराया है। इन अभियानों में कई बड़े नक्सली नेताओं और लड़ाकू बल के सदस्यों का खात्मा किया गया है। इस तेज़ कार्रवाई से बौखलाए नक्सली अब अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए सीधे टारगेट किलिंग का सहारा ले रहे हैं।
श्रीकांत साहू, अंचल टाइम्स जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल से मात खा रहे नक्सली अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए टारगेट किलिंग पर उतर आए हैं। इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक नक्सलियों ने 16 ग्रामीणों की मुखबिरी के संदेह में हत्या की है। यहां तक कि छात्र को भी नहीं छोड़ा। दो साथी नक्सली को भी जनअदालत में मृत्युदंड की सजा दी है।
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद सुरक्षा बल ने नक्सलियों के विरुद्ध आक्रामक अभियान करते हुए पिछले सात माह में 146 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इसमें बड़े नक्सली नेता सहित लड़ाकू बल के सदस्य मारे गए हैं। इससे नक्सल संगठन में उथल-पुथल मच गई है और बौखलाए नक्सली अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए सीधे टारगेट किलिंग पर उतर आए हैं। पुलिस के सूचना तंत्र को ध्वस्त करने के लिए संगठन के भीतर से लेकर जन अदालत लगाकर ग्रामीणों तक को निशाना बनाकर हत्या कर रहे है।