अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा दिल्ली में आयोजित जनजाति छात्र सांसद व छात्र सांसद दो दिवसीय कार्यक्रम में सम्मिलित हुई मनीषा राणा जिसमें देशभर से आए विद्यार्थियों व जनजाति छात्रों ने अपने अनुभव व अपने प्रदेश की समस्या के लिए समाधान निकालने मुद्दे उठाए प्रथम दिवस केंद्रीय जनजाति कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उईके मुख्य अतिथि रहे जिनके समक्ष देश भर से आए हुए जनजातीय 300 से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा अपने-अपने प्रदेश के समस्याओं व योजनाओं को साझा किया गया साथ ही समस्याओं के लिए विचार मंथन कर समाधान निकालने अपनी बात रखी गई छत्तीसगढ़ से जनजाति छात्र संसद में बालोद जिले की आदिवासी बेटी मनीषा राणा ने बालोद जिला व छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया उन्होनें अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए समस्याओं को आवाज दिया

उनका कहना है कि हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश से जनजाति छात्र संसद में सम्मिलित होने का सौभाग्य मुझे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्राप्त हुआ मै आभारी हूं मेरे साथ 12 छात्र छात्राएं जनजाति छात्र संसद में उपस्थित रहे जो बस्तर बीजापुर रायपुर दंतेवाड़ा बिलासपुर जैसे अन्य क्षेत्रों से प्रति भाग लिए साथ वहीं द्वितीय दिवस छात्र संसद के लिए मेरे सहभागी के रूप में पांच अन्य छात्राएं जांजगीर चांपा दुर्ग बिलासपुर जैसे क्षेत्रों से बहाने आई वह संसद में अपना विचार रखने उपस्थित रही जिन्होंने हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया अपने-अपने जिले व क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए 1 महीने पहले सर्वे किया गया था जिसके फल स्वरुप संसद भवन में विचार मंथन किया व सामने आ रही समस्याओं को बताया उन्होंने कहा

जनजाति समाज भारतीय संस्कृति व परंपरा का वाहक हमेशा से ही रहा है साथ ही वनवासी युवाओं की समस्याओं का आवाज बनकर उभरा जनजाति छात्र संसद में आज का शिक्षित युवा की किस प्रकार जनजाति संस्कृति व स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सके वहीं दूसरी ओर छात्राओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंबन व सुरक्षा का सबसे अहम मुद्दा अब सामने आ खड़ा है जिसके लिए अब हम छात्राओं ने ही प्रतिनिधि का रूप धर आवाज उठाया है

द्वितीय दिवस छात्र सांसद रहा जिसमें मुख्य अतिथि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता रही जिसमें ढाई सौ से अधिक छात्राएं सम्मिलित रही इस संसद में बालिका शिक्षा सुरक्षा व स्वावलंबन स्वास्थ्य का विषय लेकर सवाल उठाए गए व विचार साझा किए गए साथ ही सबका ध्यान आकर्षण किया गया जनजाति छात्र संसद में लघु भारत का दर्शन हुआ साथ ही भिन्न-भिन्न गोंण, धुर्वा, बैग, सहरिया, मोरिया, मारिया ,हल्बा आदि जैसी जनजाति वर्ग का दर्शन हुआ व उनके पहनावे रहन-सहन बोली भाषा खान-पान को समझने का मौका मिला साथ ही जनजाति छात्र-छात्राओं व जनजाती क्षेत्र में किन प्रकार की समस्याएं व आवश्यकता होती है इन पर भी बिंदु रखे गए इस कार्यक्रम के दौरान प्रस्ताव बनाकर भी पारित किए गए जिसमें प्रमुख रूप से अभाविप सेआशीष चौहान जी ,आशुतोष मांडवी जी, प्रमोद रावत, निलेश सोलंकी, वीरेंद्र सोलंकी ,पायल किनाके, सुमन मीणा ,सार्थक शर्मा, सरोज कुमार आदि उपस्थित रहे।

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