बोरी-सेमरिया नाले उफान पर

सेमरिया नाला बोरी में तबाही का मंजर

बोरी सेमरिया नाला

25 गांव के लोगों को हो रही परेशानी: बोरी सेमरिया नाला के ऊपर तीन फीट से ज्यादा पानी बह रहा है। यहां से हल्दी, बैलोदी, भेंगारी, चारवाही, पीपरछेड़ी, सोहतरा, भुसरेंगा, ढाबाडीह, पसौद, बोरी, खपरी, परसाही, निपानी, सोहपुर सहित आसपास के 25 गांव के लोग बालोद, लाटाबोड़ व गुंडरदेही मुख्यालय आना जाना करते है। जो अभी बंद है।

बारिश से खेत लबालब, धान की फसल डूब गई ग्राम बोरी में पिछले दो दिनों में हुई तेज बारिश का असर अब तक दिख रहा है। किसान रामलाल के डेढ़ एकड़ खेत में पानी भर गया है। सेमरिया नाला के पास खेत होने के कारण लबालब पानी भर गया है। नाला में पानी कम होने के बाद जब रामलाल खेत पहुंचा तो तबाही का मंजर दिखा। धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। रामलाल ने बताया की हर साल बाढ़ के कारण काफी नुकसान होता है।

बोरी-सेमरिया नाले का पुल जर्जर: बजट में शामिल होने के बाद भी नहीं मिली प्रशासकीय स्वीकृति

बालोद विकासखंड अंतर्गत ग्राम बोरी-सेमरिया नाले की पुलिया जर्जर होने से 5 साल से यात्री बसों का संचालन बंद है। आसपास के 20 गांव के लगभग 7 से 10 हजार लोगों को जिला मुख्यालय व पड़ोसी जिला आने-जाने में परेशानी हो रही है। पुलिया बनाने की मांग ग्रामीण 20 वर्ष से कर रहे हैं।

बालोद. बालोद विकासखंड अंतर्गत ग्राम बोरी-सेमरिया नाले की पुलिया जर्जर होने से 2 साल से यात्री बसों का संचालन बंद है। आसपास के 20 गांव के लगभग 7 से 10 हजार लोगों को जिला मुख्यालय व पड़ोसी जिला आने-जाने में परेशानी हो रही है। पुलिया बनाने की मांग ग्रामीण 20 वर्ष से कर रहे हैं। नाले में पुल बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते साल अपने बजट में किया था। पुल बनाने की घोषणा को लगभग 05 साल होने को है, फिर भी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली है। जिसके कारण निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

ग्रामीणों ने मनाई थी खुशियां, अब मायूस

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 20 साल पुरानी मांग पूरी होने की खुशी में ग्रामीणों ने गांव में जश्न मनाया। पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी थी। अब ग्रामीण मायूस हैं। उनमें आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीण फिर आवाज उठाने लगे हैं।

अब और कितना इंतजार करना पड़ेगा

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हमें उम्मीद थी कि 2022 में ही काम शुरू हो जाएगा। ऐसा नहीं हुआ। सेमरिया नाले पर पुल कितना जरूरी है कलेक्टर से लेकर अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी जानते हैं। शासन की घोषणा के बाद प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलना सोचने वाली बात है।

नाला में पुल बहुत जरूरी

राज्य की भूपेश सरकार ने अपने बजट में 75 मीटर लंबा सेतु निर्माण के लिए 2 करोड़ का प्रावधान रखा है। इस साल इस कार्य में 50 लाख खर्च होने का अनुमान भी लगाया है। अब साल बीतने को है, वहीं विधायक ग्रामीणों को जल्द प्रशासकीय स्वीकृति मिलने का अश्वासन दे रही हैं।

जर्जर पुलिया पर चलने से डरते हैं बस संचालक

ग्रामीणों ने कहा कि सेमरिया नाले पर पुल बन जाता तो सब ठीक हो जाता। नाले में बने पुराना पुल जर्जर हो चुका है। बस संचालक इस जर्जर पुलिया व मार्ग पर बस चलाने से डरते हंै। पहले यात्री बसें चलती थीं। बीते पांच सालो मे स्थिति ज्यादा दयनीय होने से बसों का संचालन बंद है।

सरपंच ने कहा – पांच साल पूरे होने को है लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति अभी तक नही हुवा है

बोरी के सरपंच भूपेंद्र कुमार साहू ने बताया कि हमने प्रशासकीय स्वीकृति मिली या नहीं, इस बारे में विधायक संगीता सिन्हा से भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जल्द प्रशासकीय स्वीकृति मिल जाएगी। शासन स्तर पर चर्चा चल रही हैं। सरपंच ने बताया कि सरकार व जनप्रतिनिधि भी इसे गंभीरता से लें।

अभी तक सिर्फ मिट्टी की जांच हुई

भूपेश सरकार ने बजट में सेमरिया-बोरी नाले में 75 मीटर लंबा सेतु निर्माण के लिए 2 करोड़ का प्रावधान रखा है। इस साल इस कार्य मे 50 लाख खर्च होने का अनुमान भी लगाया था। पर पुल निर्माण के लिए सिर्फ मिट्टी की जांच ही हुई है।

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